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Showing posts from November, 2014

हार-जीत का फैसला

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बहुत समय पहले की बात है। आदि शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच सोलह दिन तक लगातार शास्त्रार्थ चला। शास्त्रार्थ मेँ निर्णायक थीँ- मंडन मिश्र की धर्म पत्नी देवी भारती। हार-जीत का निर्णय होना बाक़ी था, इसी बीच देवी भारती को शाश्त्रार्थ किसी आवश्यक कार्य से कुछ समय के लिये बाहर जाना पड़ गया। लेकिन जाने से पहले देवी भारती नेँ दोनोँ ही विद्वानोँ के गले मेँ एक-एक फूल माला डालते हुए कहा, येँ दोनो मालाएं मेरी अनुपस्थिति मेँ आपके हार और जीत का फैसला करेँगी। यह कहकर देवी भारती वहाँ से चली गईँ। शास्त्रार्थ की प्रकिया आगे चलती रही। कुछ देर पश्चात् देवी भारती अपना कार्य पुरा करके लौट आईँ। उन्होँने अपनी निर्णायक नजरोँ से शंकराचार्य और मंडन मिश्र को बारी- बारी से देखा और अपना निर्णय सुना दिया। उनके फैसले के अनुसार आदि शंकराचार्य विजयी घोषित किये गये और उनके पति मंडन मिश्र की पराजय हुई थी। सभी दर्शक हैरान हो गये कि बिना किसी आधार के इस विदुषी ने अपने पति को ही पराजित करार दे दिया। एक विद्वान नेँ देवी भारती से नम्रतापूर्वक जिज्ञासा की- हे ! देवी आप तो शास्त्रार्थ के मध्य ही चली गई थीँ फिर वापस

कोयले का टुकड़ा

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अमित एक मध्यम वर्गीय परिवार का लड़का था।  वह बचपन से ही बड़ा आज्ञाकारी और मेहनती छात्र था।  लेकिन जब से उसने कॉलेज में दाखिला लिया था उसका व्यवहार बदलने लगा था। अब ना तो वो पहले की तरह मेहनत करता और ना  ही अपने माँ-बाप की सुनता।  यहाँ तक की वो घर वालों से झूठ बोल कर पैसे भी लेने लगा था। उसका बदला हुआ आचरण सभी के लिए चिंता का विषय था।  जब इसकी वजह जानने की कोशिश की गयी तो पता चला कि अमित बुरी संगती में पड़ गया है।  कॉलेज में उसके कुछ ऐसे मित्र बन गए हैं जो फिजूलखर्ची करने , सिनेमा देखने और धूम्र-पान करने के आदि हैं। पता चलते ही सभी ने अमित को ऐसी दोस्ती छोड़ पढाई- लिखाई पर ध्यान देने को कहा ; पर अमित का इन बातों से कोई असर नहीं पड़ता , उसका बस एक ही जवाब होता , ” मुझे अच्छे-बुरे की समझ है , मैं भले ही ऐसे लड़को के साथ रहता हूँ पर मुझपर उनका कोई असर नहीं होता … “ दिन ऐसे ही बीतते गए और धीरे-धीरे परीक्षा के दिन आ गए , अमित ने परीक्षा से ठीक पहले कुछ मेहनत की पर वो पर्याप्त नहीं थी , वह एक विषय में फेल हो गया । हमेशा अच्छे नम्बरों से पास होने वाले अमित के लिए ये किसी जोरदार झटके से कम नहीं

लोकतांत्रिक समाजवाद के प्रर्वतक जवाहरलाल नेहरु

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उच्चकोटी के विचारक तथा लोकतांत्रिक समाजवाद के समर्थक  जवाहरलाल नेहरु  महान मानवतावादी थे। बच्चों के प्रिय चाचा नेहरु अपने देश में ही नही वरन सम्पूर्ण विश्व में सम्मानित और प्रशंशनीय राजनेता थे। मानव-मात्र का उत्थान, चाचा नेहरू कल्याण तथा उनका सुख एवं आंनद नेहरु जी के चिंतन की धुरी थे। उनका मानवीय दृष्टीकोंण ही था कि, वे गुलामी को मनुष्य पर होने वाला सबसे बङा अत्याचार मानते थे। स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु संघर्ष करने वाले देश उन्हे अपना सच्चा हमदर्द और मसीहा मानते थे। मानवीय गरिमा को उच्चतम शिखर तक पहुँचाने वाले नेहरु जी के बारे में मलेशिया के प्रधानमंत्री  टुंकू अब्दुल्ल रहमान  का कहना था कि, “नेहरु मेरी प्रेरणा के स्रोत थे।” नेहरु जी को भारत से अगाध प्रेम था। उन्होने लिखा है कि, “हिन्दुस्तान मेरे खून में समाया हुआ है और उसमें बहुत कुछ ऐसी बातें हैं जो मुझे स्वभावतः प्रेरित करती हैं।” उन्होने अपनी पुस्तक  भारत एक खोज  में लिखा है, “किसी भी पराधीन देश के लिये राष्ट्रीय स्वतंत्रता प्रथम तथा प्रधान आकांक्षा होनी चाहिये।” नेहरु जी समाजवादी समाज के प्रबल समर्थक थे, वे लोकतंत्र को एक

The easiest way video calling on Facebook फेसबुक पर वीडियो कॉलिंग का आसान तरीका

क्या आप जानते हैं कि फेसबुक पर भी वीडियो कॉलिंग की जा सकती है। हालांकि इसके लिए दोनों तरफ वैबकैम और माइक्रोफोन लगे होने चाहिए ताकि आप एक दूसरे को देख सुन सकें। इसके अलावा वाइबर, स्काइप जैसी अन्य वेबसाइटें भी हैं जहां यह सुविधा उपलब्ध पहले से ही उपलब्ध है। फेसबुक वीडियो कॉल स्टेप्स -चैट विंडो ओपन करें। -राइट विंडो पर कैमरा आइकन क्लिक करें। -राइट टॉप पर मैसेज आएगा "स्टार्ट वीडियो कॉल विद ..." -अगर आपका दोस्त अवेलेबल नहीं है तो मैसेज होगा "... इज करंटली अनअवेलेबल फॉर वीडियो कॉलिंग"। -वीडियो कॉल शुरू करें। -कॉल खत्म होने के बाद विंडो बंद करें। -चैट और वीडियो कॉल दोनों एक साथ किए जा सकते हैं। -एक से ज्यादा लोगों के साथ ग्रुप वीडियो कॉलिंग की जा सकती है। -वीडियो कॉलिंग अनइंस्टॉल करने के लिए विंडो बंद कर दें।

Be the biggest qualities of character चरित्रवान होना सबसे बडा गुण

नोबेल पुरस्कार प्राप्त सर सीवी रमन भौतिक विज्ञान के प्रख्यात वैज्ञानिक थे। उन्हें अपने विभाग के लिए एक योग्य वैज्ञानिक की आवश्यकता थी। उन्होंने अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित करवाया, जिसे पढ़कर उनके पास कई आवेदन आए। सर सीवी रमन ने उनमें से कुछ का चयन किया और उन्हें साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया। साक्षात्कार के लिए आए लोगों में एक नवयुवक था, जिसे रमन ने अस्वीकार कर दिया था। थोड़ी देर बाद जब साक्षात्कार समाप्त हो गया तो रमन ने गौर किया कि वह नवयुवक अब भी उनके कार्यालय के आसपास घूम रहा है। वे तत्काल उसके पास पहुंचे और नाराजगी जताते हुए बोले, जब मैंने तुम्हें अस्वीकार कर दिया है तब तुम यहां क्यों घूम रहे हो? यहां तुम्हें नौकरी नहीं मिलने वाली। जाओ, घर चले जाओ। तब उस युवक ने विनम्रता से कहा, 'सर, आप नाराज न हों। मुझे यहां आने-जाने का जो किराया दिया गया, वह भूल से कुछ अधिक है। इसलिए मैं यह अतिरिक्त राशि वापस लौटाने के लिए कार्यालय के लिपिक को खोज रहा हूं।' सर रमन उसकी बात सुनकर विस्मित हुए। फिर कुछ सोचकर बोले मैंने तुम्हारा चयन कर लिया है, तुम चरित्रवान हो।

रेलवे, ssc 10+2, ssc cgl, Ib, पुलिस, पुलिस si आने वाली सभी परिक्षाओं के लिए अति महत्वपूर्ण

(1). "गोडवाना" नामक कोयला क्षेत्र स्थित है। उत्तर → [ मध्यप्रदेश ] (2). शहतुत एक प्रकार का उत्तर → [ ऊन हैं ] (3). "दमन गंगा" किस प्राचीन नदी का नाम हैं। उत्तर → [ ताप्ती नदी का ] (4). 'डबल जीरो' किस फसल की उन्नत किस्म हैं। उत्तर → [ सरसों ] (5). मेसेटा एक विस्तृत पठार है, जो स्थित है। उत्तर → [ फ़्रांस में ] (6). उपन्यास 'पिंजर' के रचियता कौन हैं। उत्तर → [ अमृता प्रीतम ] (7). 'सागादावा' किस धर्म का प्रमुख पर्व हैं। उत्तर → [ बौद्ध ] (8). कौन-सी गैस फूलो का रंग उडा देती हैं। उत्तर → [ क्लोरिन ] (9). लूनी नदी किस राज्य में प्रवाहित होती हैं। उत्तर → [ राजस्थान ] (10). भारत में ऊर्जा उत्पादन का प्रमुख स्त्रोत हैं। उत्तर → [ कोयला ] (11). भारत का एकमात्र सक्रिय ज्वालामुखी हैं। उत्तर → [ बेरन आइलेण्ड ] (12). कर्नाटक का अर्थ हैं। उत्तर → [ लहरदार भूमि ] (13). विश्व के किस महाद्वीप को 'मानव घर' कहा जाता हैं। उत्तर → [ एशिया ] (14). महाबलेश्वर किस राज्य में स्थित हैं। उत्तर → [ महाराष्ट्र ] (15). कोयला किस

The true story of our life हमारे जीवन की सत्य कहानी

1. माँ से बढकर कोई महान नही है। 2. पिता से बढकर कोई मार्गदर्शक नही है। 3. गुरु से बढकर कोई ज्ञानी नही है। 4.भाई से बढकर कोई भरोसेमंद नही है। 5. बहन से बढकर कोई रिश्ता नही है। 6. पति या पत्नि से बढकर कोई जीवन साथी नही है। 7. पुत्र से बढकर कोई सहारा नही है। 8. पुत्री से बढकर कोई सेवा करने वाला नही है। 9. मित्रता से बढकर कोई प्रेम नही है। बस एक ही वजह है इन रिश्तो के बिगडने की, और वो है- ''व्यक्तिगत स्वार्थ''।