Inspirational stories
एक बहुत बड़ी संत थीं| उनका नाम था राबिया|
वे सादगी से रहती थीं और हर घड़ी अल्लाह
का नाम लेती रहती थीं| उनकी कुटिया में साधु-
संतों की भीड़ लगी रहती थी| दूसरे लोग भी आते
रहते थे|
एक दिन एक संत आये और रात
को राबिया की कुटिया में ही रुके| उसने देखा,
राबिया ने अपने सोने के लिए एक
बोरी बिछा ली और तकिए की जगह ईंट रख ली|
फिर अल्लाह का नाम लेती हुई अपने उस बिस्तर
पर आराम से लेट गईं| उस संत ने देखा तो चकित
रह गए|
इतने ऊंचे दर्जे की संत और इतना कठोर जीवन!
उन्हें बड़ा दुख हुआ| उन्हें रात-भर नींद नहीं आई।
पर राबिया तो लेटते ही गहरी नींद में सो गईं|
सवेरे उठकर संत ने राबिया से कहा - "आप
इतनी तकलीफ क्यों उठाती हैं? मेरे कई अमीर
दोस्त हैं| मैं उनसे कहकर आपके लिए एक अच्छा-
सा बिस्तर भिजवा दूंगा|"
राबिया ने उस संत के स्नेह के लिए आभार माना,
फिर बोलीं - "मेरे प्यारे भाई!! क्या मुझे, तुम्हें
और अमीरों को देने वाला एक नहीं है?"
संत ने कहा - "हां एक ही है|"
राबिया बोलीं - "क्या वह हमें भूल गया है, और
दौलतमंदों की उसे याद है? अगर उसे याद नहीं है
तो हम क्यों याद दिलाएं! हमें यह हाल पसंद है,
क्योंकि उसको यह पसंद है|"
ये कहानी उन लोगों के लिये सबक है जो बहुत कुछ
पाकर भी असंतुष्ट रहते और ईश्वर को दोष देते
रहते हैं।
वे सादगी से रहती थीं और हर घड़ी अल्लाह
का नाम लेती रहती थीं| उनकी कुटिया में साधु-
संतों की भीड़ लगी रहती थी| दूसरे लोग भी आते
रहते थे|
एक दिन एक संत आये और रात
को राबिया की कुटिया में ही रुके| उसने देखा,
राबिया ने अपने सोने के लिए एक
बोरी बिछा ली और तकिए की जगह ईंट रख ली|
फिर अल्लाह का नाम लेती हुई अपने उस बिस्तर
पर आराम से लेट गईं| उस संत ने देखा तो चकित
रह गए|
इतने ऊंचे दर्जे की संत और इतना कठोर जीवन!
उन्हें बड़ा दुख हुआ| उन्हें रात-भर नींद नहीं आई।
पर राबिया तो लेटते ही गहरी नींद में सो गईं|
सवेरे उठकर संत ने राबिया से कहा - "आप
इतनी तकलीफ क्यों उठाती हैं? मेरे कई अमीर
दोस्त हैं| मैं उनसे कहकर आपके लिए एक अच्छा-
सा बिस्तर भिजवा दूंगा|"
राबिया ने उस संत के स्नेह के लिए आभार माना,
फिर बोलीं - "मेरे प्यारे भाई!! क्या मुझे, तुम्हें
और अमीरों को देने वाला एक नहीं है?"
संत ने कहा - "हां एक ही है|"
राबिया बोलीं - "क्या वह हमें भूल गया है, और
दौलतमंदों की उसे याद है? अगर उसे याद नहीं है
तो हम क्यों याद दिलाएं! हमें यह हाल पसंद है,
क्योंकि उसको यह पसंद है|"
ये कहानी उन लोगों के लिये सबक है जो बहुत कुछ
पाकर भी असंतुष्ट रहते और ईश्वर को दोष देते
रहते हैं।
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